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Showing posts from June, 2018

🎪 ☀राम मंदिर ☀🎪

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       🎪 ☀राम मंदिर ☀🎪 ********************************* पूछते हैं कब बनेगा राम का मंदिर यहाँ। कौन देगा अब बता दो प्रश्न का उत्तर यहाँ, कोर्ट मे है मामला अब प्रश्न की बौछार है, चल रहा है बस अदालत युद्ध सा मंजर यहाँ। माँगते हैं वो निशानी आज जो पैदा हुए, सेतु लंका तक बना है कह रहा सागर यहाँ। आज भी है कुछ निशानी इस जमीं पर देख तो, फिर मिलेगा हर दफन उस प्रश्न का उत्तर यहाँ। "खेतिहर" कहता नहीं बस हिंदुओं का राज हो, साथ मिलकर सब चले हो धर्म का आदर यहाँ। **********************************      ✍केतन साहू "खेतिहर"✍    बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.) **********************************

💔 प्यासी आस 💔

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        💔 प्यासी आस 💔 ************************** हमें भी तो है उस दरिया की तलाश, जो बुझा दे,अपनी भी दिल की प्यास, मगर हमारी प्यास बुझा दे,             ऐसी यहाँ कोई दरिया नहीं... हम तो समंदर चाहते हैं,                   कोई ताल तलैया नहीं... प्यार, इश्क, मोहब्बत,     इसका यहाँ कोई कद्र नहीं,                     ये सब तो बेमानी है... इस अँधी दुनिया में,    सूख गई हैं,दिल की दरिया,                  बचा नही अब पानी है और इस टूटे दिल के मंजर में,              आस के फूल खिलाना है.. छट जाएंगे घनघोर अंधेरा,               अब नया सवेरा लाना है... *****************************      ✍केतन साहू "खेतिहर"✍    बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.) ******************************

♥ काकर दिल धड़कय नहीं ♥

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♥ काकर दिल धड़कय नहीं ♥ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ फूलथे फूल फूलवारी म, त...             काकर दिल मचलय नही... थोड़किन मोला बतावव संगी,                काकर दिल..धड़कय नहीं... ***************************** जब चढ़थे रंग नवा बछर के                    सबो कली मुस्काथे ना.... महकथे खुशबू महर-महर त,                  तितली घलो मंडराथे ना... गवाँ के सुध-बुध प्रेम धुन म,                         का भौंरा बौराय नहीं... थोड़किन मोला बतावव.... ****************************** जवानी के डेरौठी म जब,             नवा-नेवरिया पाँव धरथे ना... नैन-बैन अउ मोंहनी सूरत के,               नशा ओखर पर चढ़थे ना... लैला के बस एक दरस बर,                  का मजनू तड़फय नहीं... थोड़किन मोला बतावव.... ****************************** उमड़थे हृदय म हिलोर त,                  दिन-दिन चाहत बढ़थे ना, मया पिरित के ये रद्दा म,                  आँखी मूंद.. कूद परथे ना, बरत दिया म बतरकिरी कस                 बर-बर के..का मरय नहीं... थोड़किन मोला बतावव संगी,                काकर दिल..धड़कय नहीं... ***********************

💔कोई मीत नजर आता नहीं...💔

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 💔कोई मीत नजर आता नहीं...💔 ***************************** मतलब परस्त इस दुनिया में,             कोई मीत नजर आता नहीं... स्वार्थ भरे सब रिश्ते-नाते,             कोई प्रीत नजर आता नहीं... ****************************** बेईमानों का राज यहाँ पर,                   छाई बेबसी, लाचारी है, सच्चाई की चादर ओढ़े,               झूठ,फरेब औ मक्कारी है, खो रहा है चैनों-अमन,             अब ईमान नजर आता नहीं... मतलब परस्त इस दुनिया में,             कोई मीत नजर आता नहीं... ****************************** उलझे हुए हैं उलझनो में,           कपट भरा यहाँ मकड़जाल है, सुख चैन कहाँ इस दुनिया में,              अब हाल यहाँ सब बेहाल है, बे-रंग इस जीवन सफर में,                कोई रंग नजर आता नहीं... मतलब परस्त इस दुनिया में,             कोई मीत नजर आता नहीं... ****************************** महक उठे सब धरती-अंबर,                आओ बनाए ऐसा जहां, निःस्वार्थ प्रेम की खुशबू हो,          नफरत का न हो नामो-निशां, संबंध मधुर हो भाईचारा,             फिर तो द्वेष ठहर पाता नहीं... मतलब परस्त