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👑 भाग्य बनाम कर्म 👑

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  👑 भाग्य बनाम कर्म 👑 ********************* भाग्य भरोसे क्यूँ बैठे हो, तुम कर्म करो तुम कर्म करो... 💫💫💫💫💫💫💫💫 जब कर्म जमीं पर दिखता है, तब भाग्य किसी का खुलता है, बिन कर्म किये इस दुनिया में, कुछ कहाँ किसी को मिलता है, लक्ष्य बड़ा गर पाना है तो, हर सम्भव यत्न प्रयत्न करो... भाग्य भरोसे क्यूँ बैठे हो, तुम कर्म... 💫💫💫💫💫💫💫💫 कर्म कभी ना वंचित होगा, धर्म-कर्म सब संचित होगा, बिगड़े भाग्य बनाना है तो, कर्म तुम्हें भी करना होगा, खुद के भाग्य विधाता तुम हो, निज हाँथों नवल विधान करो... भाग्य भरोसे क्यूँ बैठे हो, तुम कर्म... 💫💫💫💫💫💫💫💫 सत्य सनातन सब धर्मों का, सच्चे सिद्ध साधु-संतों का, वेद-पुराणों का भी कहना, किस्मत परिणति है कर्मों का, जीवन फल है यह जन्मों का, सब जीव-जंतु हित धर्म धरो... भाग्य भरोसे क्यूँ बैठे हो, तुम कर्म... 💫💫💫💫💫💫💫💫 करनी किस्मत की कुंजी है, जीवन भर संचित पूँजी है, कर्मवीर की मंगल गाथा, गुणगान गगन पर गूँजी है, युगों-युगों गूँजे जयगाथा, हे! कर्मपथी जयघोष करो... भाग्य भरोसे क्यूँ बैठे हो, तुम कर्म.
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🤣नखरा तोर झर जाही रे...🤣 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 झनकर तैं झगरा बाबू..खाना ल झन फेंक, नखरा तोर झर जाही रे, रांध-कूट के देख... 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 बने-बने तैं रांधस नहीं, काहत मुड़ी पीरागे, अब्बड़ मारे ताना तैं तो, बाई घलो रिसागे, चूल्हा कस गुंगवावत हे..फूँक मार के देख... नखरा तोर झर जाही रे... 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 आगी-पानी जुगार कर, छेना लकड़ी लान, बटकी म..पिसान ले-ले, नून डार के सान, रोटी तोर जर जाही रे..उलट-पुलट के सेंक, नखरा तोर झर जाही रे... 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 नून-मिरचा,धनिया ले-ले, सिलपट्टा तैं पीस, खा ले संगी अलवा-जलवा, झन कर तैं रीस, मोर कहना..मान ले बाबू अब तो घुटना टेक... नखरा तोर झर जाही रे... 💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫💫 ✍केतन साहू "खेतिहर"✍ बागबाहरा, महासमुंद,(छ.ग.) Copy right @ketan.

🕯दिवाली मनाएं...🕯

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🕯दिवाली मनाएं...🕯 ******************** अँधेरे घरों में दिये हम जलाएं चलो इस तरह से दिवाली मनाएं, कहीं रौशनी है कहीं पर अँधेरा, चलो आज हम भेद सारा मिटाएं कहीं पर ना हो रंजो गम के मेले, खुशी बाँट सबको गले हम लगाएं, रहे प्यार ही प्यार अब इस जमीं पर, चलो हम दिलों से नफ़रत मिटाएं, बने स्वर्ग जैसा गुलिस्तां हमारा, चलो "खेतिहर" शुभ दिवाली मनाएं,            केतन साहू "खेतिहर"       बागबाहरा,महासमुंद, (छ.ग. )