शब्द सीढ़ी



शब्द सीढ़ी-
तिथि- 17 नवम्बर 2017
वार - शुक्रवार
शब्द-शराब,नवाब,खराब,कबाब,हिसाब
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नशा करो न #शराब का, कहना अब तो मान।
तुच्छ नशे को छोड़कर, खुद को दो पहचान।।

#नवाब सारे लुट गये, छले गये वे लोग।
सुरा-सुंदरी का सदा, करते थे उपभोग।।

इस तरह न #खराब करो, जीवन है अनमोल।
हर पल दृश्य बदल रहा, अब तो आँखें खोल।।

देख सको तो देख लो, नव-जीवन के ख्वाब।
होना तो सब खाक है, हड्डी सहित #कबाब।।

पाप-पुण्य दो बंध है, जीवन बहती धार।
चलना तुम्हें #हिसाब से, जीवन का यह सार।।

         केतन साहू "खेतिहर"
   बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.)
       मो. नं.- 7049646478

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