आखिर कोरोना वारियर्स का दर्जा क्यों नहीं..?
* आखिर कोरोना वारियर्स का दर्जा क्यों नहीं..?* ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ कोविड-19 संक्रमण काल की इस भीषण त्रासदी में शिक्षकों द्वारा फ्रंटलाइन वारियर्स के तौर पर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया गया। वे हर मोर्चे पर सरकार के साथ खड़े रहे और डट कर मुकाबला किये और अभी भी अपनी जान जोखिम में डालकर कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं... मृत रोगियों के शव को लाने-ले-जाने से लेकर कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग, एक्टिव सर्विलांस टीम, सर्वे कार्य, क्वारंटाइन प्रभारी, ग्राम प्रभारी, नोडल अधिकारी जैसे कार्यों के अलावा वैक्सीनेशन कार्य, चेकपोस्ट पर ड्यूटी, रेलवे स्टेशनों पर ड्यूटी के साथ-साथ संक्रमण का माध्यम बनने वाले मोहल्ला क्लास जैसे कार्यों का बखूबी निर्वहन किया। लेकिन आज जब वही शिक्षक इन कार्यों का निष्पादन करते हुए कोरोना संक्रमित होकर अपनी जान से हाथ धो रहे हैं, तब सरकार उनके परिवार को यह कहकर बीमा एवं अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं दे रही है कि शिक्षक फ्रंटलाइन कोरोना वारियर्स की श्रेणी में नहीं आते...। यदि शिक्षक फ्रंटलाइन