आओ हिलमिल जयघोष करें....
आओ हिलमिल जय घोष करें,
हम भी अपनी हुंकार भरें...
जब युद्ध महा भीषण है तो,
हम खुद को भी तैयार करें...
लक्ष्य बड़ा गर पाना है तो,
कर्म तुम्हें भी करना होगा...
पग-पग बिछे हुए हैं कांटे,
राह तुम्हें ही गढ़ना होगा...
अब तो हाथों में हाथ लिए,
सबको मिलकर चलना होगा....
अंधेरी गलियों पर जैसे,
दीपक बनकर जलना होगा...
पड़ाव पर मत उलझो प्यारे,
मंजिल की ही तुम ध्यान धरो...
अब लक्ष्य तुम्हारा दूर नहीं,
तुम राम-बाण संधान करो...
छोटा अपना अरमान नहीं,
ऊँची सोच रखा करते हैं...
अब हम ना कोई बच्चे हैं,
जो कंचों में खुश रहते हैं...
केतन साहू "खेतिहर"
बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.)
मो. नं.- 7049646478
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