⚡ वो फिर आ गये...⚡
⚡ वो फिर आ गये...⚡ ************************ वो फिर आ गये मसीहा बनकर, जो हमको डूबता छोड़ गये थे, कांधे पर जो चढ़कर अपने, खुद ही सरपट दौड़ गये थे, ********************** यह सोच के दिल घबराता है, उसे याद हमारी फिर आई है, अब की बार संभल कर रहना, कहीं फिर से न आफत आई है, ********************** जब दर्द से आँसू छलक रहे थे, तब तो न आये मनाने को... अब खुद से जीना सीख रहे हैं, वो फिर आ गये रूलाने को... ************************ ✍ केतन साहू "खेतिहर"✍ बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.)