दर्द विदाई क्या होता है?

दर्द-विदाई क्या होता है?
कुछ दृश्य देख मैं आया हूँ...
अपनी प्यारी बिटिया को
कहींं दूर  छोड़  मै आया हूं...

पापा की वो प्यारी गुड़िया,
मम्मी की  राज दुलारी  है।
प्यारी सी दो बिटिया अपनी,
छोटी अपनी  फुलवारी है।।

आज बगीचे के फूलों को,
जी भर देख नहीं पाया हूँ...
दर्द-विदाई क्या होता है?
कुछ दृश्य देख मैं आया हूँ...

मम्मी रोती बिलख-बिलख कर,
नन्ही खुशी भी आज दुखी है।
ज्यों के त्यों आहार पड़ें है,
जाने  कब से वो भूखी है।।

अपने भीतर के भावों को,
मैं बमुश्किल रोक पाया हूँ...
दर्द-विदाई क्या होता है?
कुछ दृश्य देख मैं आया हूँ...

जिनकी हँसती किलकारी से,
गुंजित अपना घर आँगन था।
सुन प्यारी-प्यारी बातों को,
मन आनंदित हो जाता था।।

महकती चहकती गुलशन को,
आज अधिक विरान पाया हूँ....
दर्द-विदाई क्या होता है?
कुछ दृश्य देख मैं आया हूँ...

जहाँ रहो तुम प्यारी गुड़िया,
सब खुशियाँ तुम्हारे पास हो।।
नित्य-नयी  ऊँचाई  छू  लो,
उड़ने को खुला आकाश हो।।

फूलों से प्यारी बच्ची को,
यही  दुआएं  दे आया हूँ....
दर्द-विदाई क्या होता है?
कुछ दृश्य देख मैं आया हूँ...

          केतन साहू "खेतिहर"
   बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.)
      मो. नं.- 7049646478

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