बदल रहा है देश...





नवयुग का आरंभ है, नवयुग  का  आगाज।
श्री गणेश अब हो रहा, दीप जलाओ आज।।


मोदी जी  के  राज  में,  भ्रष्टाचारी  पस्त।
उजड़ रहा है घोंसला, समेट ने में व्यस्त।।


लुट जाती जागीर भी, गर हो पूत कपूत।
दृष्टि-पात निज नेत्र से, है प्रत्यक्ष सबूत।।


तेजस्वी  के  नाम से, लालू  जी  मजबूर।
छूटी सत्ता हाथ से, चली गयी अति दूर।।


देख सपा परिवार में, कुलभूषण अखिलेश।
उत्तर प्रदेश छिन गया,  देख  रहा  है  देश।।


राहुल के ही नाम से, अस्त-व्यस्त कांग्रेस।
मची हुई है खलबली, मचा हुआ है क्लेश।।


गौर करो इस दौर पर, बदल रहा परिवेश।
बदल रहा परिदृश्य है, बदल रहा है देश।।


              केतन साहू "खेतिहर"
         बागबाहरा,महासमुंद, (छ.ग.)
         Mo.no.- 7049646478



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