🌾🌾छेरछेरा त्योहार🌾🌾
🌾🌾छेरछेरा त्योहार🌾🌾 ******************************* पूस मास की पूर्णिमा, अन्न भरे घर द्वार। जश्न मनाता आ गया, छेरछेरा त्योहार।। अन्न दान का पर्व है, संस्कृति की पहचान। मालिक या मजदूर हो, इस दिन एक समान।। घर-घर जातें हैं सभी, गाते मंगल गान। मुट्ठी भर-भर लोग भी, करते हैं सब दान।। भेष बदल कैलाश-पति, गये उमा के द्वार। अन्नदान से फिर मिला, इक दूजे को प्यार।। कर्म सभी अपना करें, रखें सभी से प्रीत। हमें यही बतला रही, लोक पर्व की रीत।। प्रेम-प्यार से सब रहें, करें मलिनता दूर। मात अन्नपूर्णा करें, धन वैभव भरपूर।। आप सभी को अन्नदान का पर्व "छेरछेरा" की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं.... केतन साहू "खेतिहर" बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.) मो. नं.- 7049646478 *********************************
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