प्राथमिक स्कूल का मैं शिक्षक...
प्राथमिक स्कूल का मैं शिक्षक,
वर्ग तीन कहलाता हूँ...
नव प्रवेशित बच्चों को,
"अ"अनार-आम पढ़ाता हूँ...
शासन के आदेशों का,
अक्षरशः पालन करता हूँ...
एक-एक अक्षर सिखाने हेतु,
कई-कई बार दोहराता हूँ...
प्राथमिक स्कूल का मैं शिक्षक,
वर्ग तीन कहलाता हूँ...
मैं कहता हूँ अनार के "अ",
बच्चे कहते आम के "आ"...
मैं कहता हूँ इमली के "इ",
बच्चे कहते ईख के "ई"...
छोटे और बड़े वर्णों का,
भेद उन्हें समझाता हूँ...
प्राथमिक स्कूल का मैं शिक्षक,
वर्ग तीन कहलाता हूँ...
जब बच्चें ऊबने लगतें हैं,
मैं हँसता औऱ हँसाता हूँ...
बच्चों का मन बहलानें,
हँसी मजाक करवाता हूँ...
हँसी मजाक करते करते,
खुद "मजाक" बन जाता हूँ...
प्राथमिक स्कूल का मैं शिक्षक,
वर्ग तीन कहलाता हूँ...
बड़े-बड़े अधिकारी गण,
अपना रौब दिखातें हैं...
अपनी-अपनी श्रेष्ठता का,
गुणगान हमें करातें हैं...
इनके बड़प्पन के आगे,
मै निम्न-वर्ग बन जाता हूँ...
प्राथमिक स्कूल का मैं शिक्षक,
वर्ग तीन कहलाता हूँ...
आप बड़े हैं बड़े बनिये,
हमें भी छोटा मत समझिए...
हम सब की गरिमा बनी रहे,
ऐसा तो कोई काम करिए...
उपहास उड़ाने वालों को,
बस यही पाठ पढ़ाता हूँ...
प्राथमिक स्कूल का मैं शिक्षक,
वर्ग तीन कहलाता हूँ...
नव प्रवेशित बच्चों को,
"अ"अनार-आम पढ़ाता हूँ...
केतन साहू "खेतिहर"
बागबाहरा,महासमुंद, (छ.ग.)
Mo.no.- 7049646478
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