शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ...
शिक्षक क्रांति दिवस जिला महासमुंद में धरना व रैली प्रदर्शन पर,
आक्रोश व्यक्त करती मेरी कुछ पंक्तियाँ...
शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ,
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
पल-पल जो अपमान मिला है,
क्यों ना उन्हें बतलाऊँ...
दुनिया उपहास उड़ाती है,
हड़ताली शिक्षक बतलाती है...
शासन के सारे प्यादे भी,
दोषी हमको ठहराती है...
उपहास उड़ाने वालों को,
अब कैसे मै समझाऊँ...
शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ,
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
कुछ भी बातें करनें वाले,
गलती हम पर मढ़नें वाले...
अहसास तुम्हें कब होता है,
जब अपना दिल भी रोता है...
दिल मे चुभती इन बातों से,
मर्यादा भूल ना जाऊँ...
शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ,
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
कर्तव्य है जो शिक्षक का,
काम वही सब करतें हैं...
विद्यार्थी का हो स्तर ऊँचा,
हर संभव प्रयास करतें हैं...
आरोप लगाती दुनिया को,
क्या सीना चिर दिखलाऊँ...
शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ,
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
पल-पल जो अपमान मिला है,
क्यों ना उन्हे बतलाऊँ...
केतन साहू, बागबाहरा, महासमुंद
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
पल-पल जो अपमान मिला है,
क्यों ना उन्हें बतलाऊँ...
दुनिया उपहास उड़ाती है,
हड़ताली शिक्षक बतलाती है...
शासन के सारे प्यादे भी,
दोषी हमको ठहराती है...
उपहास उड़ाने वालों को,
अब कैसे मै समझाऊँ...
शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ,
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
कुछ भी बातें करनें वाले,
गलती हम पर मढ़नें वाले...
अहसास तुम्हें कब होता है,
जब अपना दिल भी रोता है...
दिल मे चुभती इन बातों से,
मर्यादा भूल ना जाऊँ...
शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ,
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
कर्तव्य है जो शिक्षक का,
काम वही सब करतें हैं...
विद्यार्थी का हो स्तर ऊँचा,
हर संभव प्रयास करतें हैं...
आरोप लगाती दुनिया को,
क्या सीना चिर दिखलाऊँ...
शिक्षक नहीं शिक्षाकर्मी हूँ,
सम्मान कहाँ से पाऊँ...
पल-पल जो अपमान मिला है,
क्यों ना उन्हे बतलाऊँ...
केतन साहू, बागबाहरा, महासमुंद
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