विनती सुन लो अब शर्मा जी...
📢विनती सुन लो...📢
विनती सुन लो अब शर्मा जी।
तुम जरा उतारो चश्मा जी।।
फरियाद तुम्हें सुना रहें हैं।
पीड़ा अपनी बता रहें हैं।।
खिदमत करते कम वेतन में।
कभी-कभी मिलते महिनें में।।
हालत सबकी जान रहें हैं।
फिर भी क्यों अनजान बनें हैं।।
मिडिया मजाक बना रही है।
उपहास देख उड़ा रही है।।
क्यों हमारी नहीं सुनतें हैं।
चुप हो क्यों नहीं बोलतें हैं।।
क्या तरकस में अब तीर नहीं।
बोलो भी क्या तुम वीर नहीं।।
तुमसे आश लगा बैठें हैं।
बोलो क्यों ऐंठे बैठें हैं।।
आओ रण में अब कूच करो।
तुम भी अपनी ललकार भरो।।
अब तुम ना देर लगाओ जी।
हुंकार भरो अब शर्मा जी।।
विनती सुन लो अब शर्मा जी...
तुम जरा उतारो चश्मा जी...
केतन साहू "खेतिहर"
बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.)
मो. नं.- 7049646478
विनती सुन लो अब शर्मा जी।
तुम जरा उतारो चश्मा जी।।
फरियाद तुम्हें सुना रहें हैं।
पीड़ा अपनी बता रहें हैं।।
खिदमत करते कम वेतन में।
कभी-कभी मिलते महिनें में।।
हालत सबकी जान रहें हैं।
फिर भी क्यों अनजान बनें हैं।।
मिडिया मजाक बना रही है।
उपहास देख उड़ा रही है।।
क्यों हमारी नहीं सुनतें हैं।
चुप हो क्यों नहीं बोलतें हैं।।
क्या तरकस में अब तीर नहीं।
बोलो भी क्या तुम वीर नहीं।।
तुमसे आश लगा बैठें हैं।
बोलो क्यों ऐंठे बैठें हैं।।
आओ रण में अब कूच करो।
तुम भी अपनी ललकार भरो।।
अब तुम ना देर लगाओ जी।
हुंकार भरो अब शर्मा जी।।
विनती सुन लो अब शर्मा जी...
तुम जरा उतारो चश्मा जी...
केतन साहू "खेतिहर"
बागबाहरा, महासमुंद (छ.ग.)
मो. नं.- 7049646478
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